जैसे ही एग्जाम के रिजल्ट्स नज़दीक आते है, आप अपने करियर के लिए कॉलेजेस ढूंढ़ना शुरू कर देते है, लेकिन कौनसी कॉलेज आपके नज़दीक है या फिर कौनसी कॉलेज आपके करियर के लिए अच्छी रहेगी इसमें आप काफी उलझ जाते है, है ना?

वैसे तो ज्ञान कही सेभी मिले वो हमेशा काम ही आता है, अगर आपके अंदर उसे बटोरने की और सिखने की प्रबल इच्छा हो तब।

अगर आप स्टूडेंट है तो आपको इस पोस्ट में वह बातें पता चलेगी जो कोई भी कॉलेज आपको नहीं सिखाएगा या बताएगा.

इंटीरियर डिज़ाइन एक रचनात्मक करियर है जिसमे आपको अपने अंदर छुपे हुए कला को दिखने का मौका मिलता है, परंतु, ज़्यादातर लोग इस करियर को अच्छे से समझ नहीं पाते है।

आइये जानते है की लोग क्या गलतियां कर बैठते है

१. मुझे डिज़ाइन करना पसंद है इसलिए मुझे लगता है कि मुझे इंटीरियर डिज़ाइन सीखना चाहिए।
२. में घर अच्छे से सजालेती हु या लेता हु इसलिए में इंटीरियर डिज़ाइन में करियर बना सकती/ सकता हु।
३. मेरा डिज़ाइन में हाथ अच्छा है इसलिए में इंटीरियर डिज़ाइन करने की सोच रहा हु।
४. मेरे परिवार में पिताजी या भाई बहन इंटीरियर का ही काम करते है इसलिए मुझे भी यही सीखना है।
५. इंटीरियर में ज्यादा पढ़ना नहीं पड़ेगा प्रैक्टिकल वर्क ही होगा इसलिए मुझे इंटीरियर डिज़ाइन करना है।
६. मेरे दोस्त यही कर रहे है इसलिए में भी इंटेरियर डिज़ाइन ही सीखूंगा/सीखूंगी।

ऊपर दिए गए उदाहरण काफी सामान्यहै, मुझे लगता है की आपका भी कोई कारण ऊपर मेसे ही कोई एक होगा।

देखिये, माँ-बाप अपनी जीवन की पूंजी लगाकर अपने बच्चो को पढ़ाते है, तो इसलिए कृपया कोई भी निर्णय अपने बड़ो से पूछकर या जिन्होंने इंटीरियर डिज़ाइन की पढाई की है उनसे पहले जानकारी हासिल कीजिये।

पूर्ण जानकारी न होने की वजह से काफी लोग अपना करिअर बीच मे ही अधूरा छोड़ देते है या पढाई कर के भी वहलोग उस दिशामें आगे बढ़ना नहीं चाहते।

ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि उनके पास संपूर्ण जानकारी नहीं होती की इस प्रॉफ़ेशन में आखिर करना क्या क्या होता है?

इंटीरियर डिज़ाइन एक रचनात्मक पेशा है परन्तु कोई चीज़ पहले आसान नहीं होती,

महत्त्वपूर्ण चीजे है….
१. आपको AutoCAD सॉफ्टवेयर आना जरुरी है।
२. 3Ds Max सॉफ्टवेयर भी अगर आप सीखते है तो आपको कई अच्छी जॉब मिल सकती है और सैलेरी भी।

ऊपर लिखी गयी दो चीज़ो से आप आसानी से कही भी काम कर पाएंगे, परन्तु आपको यदि अपना बिज़नेस शुरू करना है तो निचे दीगई बातें भी सीखनी पड़ेगी।
जो आपको कही कामकर अनुभव से ही मिलेगा।

१. इसमें आपको विज्ञानं और गणित का भी ज्ञान होना जरूरी है।
२. कंप्यूटर का ज्ञान तो आजकल हर किसीको है परन्तु, अच्छी कंप्यूटर स्किल का भी महत्व है।
३. अच्छी कम्युनिकेशन स्किल की भी जरुरत पड़ती है अपनी डिज़ाइन को ग्राहक के सामने पेश करने के लिए।
४. टीम मैनेजमेंट, वर्क मैनेजमेंट की भी आवश्यकता पड़ती है प्रोजेक्ट के दौरान।
५. नियमित अपडेटेड रहना पड़ता है ट्रेंड, नए मटेरियल और डिज़ाइन के साथ।

इंटीरियर डिज़ाइन प्रॉफ़ेशन में कई लोग सिखने के बाद सिर्फ ड्राफ्टमैन, 3D विसुअलाइजर या फिर कांट्रेक्टर बनकर रह जाते है।

क्यूंकि, जब आप सिख रहे होते हो या फिर जब आप अपना कॉलेज ख़तम कर लेते हो, तो आपको अपने रिश्तेदार या फ्रेंड्स से थोड़ा काम मिलना शुरू हो जाता है, जिससे आप समझते हो के यह तो बहोत आसान है या मेने सिखलिया सब कुछ।

मगर, असली परीक्षा तो तब शुरू होती है जब आपको उनसे काम मिलना बंद हो जाता है और आपको अपने बलबूते पर काम भी लाना है और करना भी है, यहाँ पर कई लोग हार मान जाते है, और फिर वह लोग या तो फिर सिर्फ डिज़ाइन करते है या अपना पेशा बदल लेते है।

इंटीरियर डिज़ाइन का मतलब सिर्फ डिज़ाइन करना नहीं होता है, इसमें आपको कस्टमर के घर का विजिट करके उनकी जरूरतों को समझना, उन्हें सुझाव देना, उन्हें समझाना, उन्हें बजट के बारे मे जानकारी देना, घर का सही नाप लेना आदि होता है।

इसके बाद, उनके घर की डिज़ाइन उनके मुताबिक बनाकर देना, बजट बनाना, उस काम को अपनी टीम द्वारा निष्पादित करना, उस कमको पूर्ण करना भी होता है, आपको शायद पता नहीं होगा लेकिन कई लोग काम को बीचमे ही छोड़ देते है।
यह जितना आसान लिखा गया है उतना ही कठिन कार्य है।

कॉलेज में आपको कोई नहीं बताएगा की बजट कैसे बनाते है, रेट कैसे देते है, प्रॉफिट मार्जिन कितना रखना होता है, काम अगर ख़राब हो जाये बीचमे तो उसे ठीक कैसे करना है।

यह सब बातें आपको अनुभव से थी पता चलेगी.

लेकिन, अगर आपको इस बिज़नेस में रूचि है और आप ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं है तो भी आप इसमें एक अच्छा करियर बना सकते है।

अगर आपको डिज़ाइनर बनना है तो आपको थोड़ा बेसिक ज्ञान जैसे नाप लेना, इंटीरियर में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल्स, थोड़े टेक्नीकल नाम जो आमतौर पर बोले जाते है वो सिख ले, और साथ ही साथ AutoCAD का कोर्स कर लीजिये जिसमे इंटीरियर के प्लान, डिज़ाइन बनाना आपको सिखाया जाता है।

इसके बाद आप ऐसी जगह जॉब के लिए अप्लाई करे जहा आपको थोड़ी कम सैलरी पर काम मिल जाए और साथ मे सिखाने के लिए भी एम्प्लॉयर तैयार हो, बस वहां डटें रहे, आपक कुछ सिख कर ही बहार निकलेंगे।

ये तो बात थी अगर आपको जॉब कर के अपना करियर बनाना है,

लेकिन आपको अगर बिज़नेस करना है, तो आपको कही पर काम करना पड़ेगा, जिसमे आप कोई भी एक काम चुन लीजिये जैसे कड़िया काम, सुथार काम, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटिंग, फॉल्स सीलिंग, एल्युमीनियम विंडो आदि, जो भी काम आपको सिखने मिले और आपको जिसमे सबसे ज़्यादा रूचि हो, जो काम आप लगन से कर पाए।

उस काम को तब तक सीखिए जब तक आपको उस काम की संपूर्ण जानकारी हासिल न हो जाये, वैसे बिज़नेस तो आप बिना सीखे भी कर सकते है अगर आपके पास पैसा है और आदमी को रख सकते है।

परन्तु, सीखना इसलिए चाहिए क्यूंकि कोई भी आदमी आपको गलत सलाह न दे, और आपको बेवक़ूफ़ न बना सके, इसलिए सीख लेना और जानकारी हासिल कर लेना बेहतर है।